सोमवार, 16 मई 2011


२२१ जी के साथ ब्लू स्लिप,
दोस्तों में उमाशंकर, नवम्बर २०१० में अमरीका से भारत आया था, इस उम्मीद में की में भारत से अपने लीये वीसा स्टंप ले लूँगा, क्यों की मेरे को कीसी और देस की सरकार से जयादा अपनी देस की सरकार पर जयादा भरोसा था, पर अब लगता है, वो भरोसा करना ही मेरी सब से बड़ी भूल थी, अगर में मेक्सिको गया होता तो सायद मेरे को वीसा स्टंप मील गयी होती। जब में मुंबई कांसुलेट के पास गया तो उस ने मेरी सकल देख कर हो बोल दिया की वो मेरा वीसा वापस अमेरिकेन वीसा सेण्टर भेजने वाली है, पता नहीं सायद उस कांसुलेट को मेरी सकल पसंद नहीं आई या पता नहीं उस ने मेरे दोचुमेंट्स में एसा क्या देखा।

जानकार लोग बतातें है, की कांसुलेट हमेसा अमेरिकेन वीसा सेण्टर के नियमो के अनुसार ही चलतें है, अगर एसा होता, की मेरे दोचुमेंट्स में कुछ गलत होता तो मेरे को अमेरिकेन वीसा सेण्टर मेरी वीसा को अवधि क्यों बढ़ता, वो मेरे को उस टाइम ही रोक देता। पर सायद भारत में बेठे कांसुलेट को सायद अमेरिकेन वीसा सेण्टर के दिए हुवे एक्सटेंसन के डिसीजन पर भरोसा नहीं है, उस कारन मेरे दोचुमेंट्स वापस भेज दिए रे चेक के लीये।
मुझे ये देख कर बड़ी हेरानी होती है, की अमेरिकन विभाग तो कीसी भी काम को डी अवधि में ही पूरा कर लेतें है, कभी कीसी काम में लेट नहीं होती फिर मेरे केस में एसा क्या है की उन को इतना टाइम लग रा रहा है, अगर में उन के कीसी काम के आगे बढ़ाने में मदद कर सकूँ तो मेरे को कुशी होगी।

में उम्मीद करता हूँ की अमेरिकन वीसा सेण्टर ( यु अस की इ अस ) इस काम को जल्दी ही पूरा करले गा और अपनी वेब साईट पर अपडेट करदेगा।